आग से सुरक्षा के तरीके


    🧯  आग से सुरक्षा के तरीके 🧯

      


    

        

१. आग लगने पर तुरंत १०१ नंबर पर कॉल करके सूचना दें | यह न सोचें कि कोई दूसरा इसकी सूचना पहले ही दे चुका होगा |


२. आग लगने पर सबसे पहले इमारत की अग्नि चेतावनी की घंटी (फायर अलार्म) को सक्रिय करें | फिर बहुत जोर से “आग-आग” चिल्लाकर लोगों को सचेत करें | चेतावनी कम शब्दों में ही दें, नहीं तो लोगों को घटना की गंभीरता समझने में ज्यादा समय लग जायेगा |


३.आग लगने पर लिफ्ट का उपयोग न करें ,केवल सीढ़ियों का ही प्रयोग करें |


४.धुएँ से घिरे होने पर अपने नाक और मुँह को गीले कपडे से ढँक लें |


५. अगर आप धुएं से भरे कमरे में फँस जाएं और बाहर निकलने का रास्ता न हो ,तो दरवाजे को बंद कर लें ,और सभी दरारों और सुराखों को गीले तौलिये या चादरों से सील कर दें, जिससे धुआं अंदर न आ सके|


६.अगर आग आपकी अपनी ईमारत में लगी है ,और आप अभी फ़से नहीं हैं तो पहले बाहर आएं और वहीं रूककर १०१ नंबर पर अग्निशमन सेवा को घटना की सूचना दें |


७.अपने घर और कार्यालय में स्मोक (धुआं) डिटेक्टर अवश्य लगाएं क्योकि अपनी सुरक्षा के उपाय करना सदैव ही बेहतर और अच्छा होता है|


८.निश्चित अंतराल पर इमारत में लगे फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर, पानी के स्त्रोत ,सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली , अग्निशामक की जांच करवाते रहें |


९.अपने आस पास लगे अग्निशामक की तारीख जांच लें| ध्यान दें की समय समय पर उसकी सर्विसिंग हो और उसमे आग बुझाने वाले गैस अथवा केमिकल को बदला/भरा जाए|


१०. अग्निशामक यन्त्र का प्रयोग कब और कैसे करना है ,इस बारे में अवश्य जाने और लोगों को भी इसकी जानकारी दें|


११.इमारत की समिति को हर छह महीने में अग्निशमन अभ्यास कराना चाहिए| आपातकाल में एकत्र होने के स्थल (emergency assembly point) का भी निरिक्षण करना चाहिए |

१२.घटनास्थल के नज़दीक भीड़ न लगने दें ,इससे आपातकालीन अग्निशमन सेवा और बचाव कार्य में बाधा होती है | ऐसी स्थिति में १०१ पर कॉल करे और वहां से दूर हो जाए |

१३. यदि आपके कपड़ो में आग लग जाए तो भागे नहीं ,इससे आग और भड़केगी | जमीन पर लेट जाए और उलट पलट(रोल) करे| किसी कम्बल ,कोट या भारी कपडे से ढक कर आग बुझाएं|


१४.अगर आप आपातकालीन सेवा और अग्नि सुरक्षा में प्रशिक्षित नहीं हैं ,तो आग में फँसे लोगों को निर्देश न दें | ऐसा करके आप उन्हें भ्रमित या गुमराह कर सकते हैं ,जिससे किसी की जान भी जा सकती है|


१५.भारी धुंआ और जहरीली गैस सबसे पहले छत की तरफ इकट्ठा होती है, इसलिए अगर धुआं हो तो ज़मीन पर झुक कर बैठें |

Written By. Sachin vasava

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