धारा 144, Rule

 


धारा 144, जिसे "144 rule" के नाम से भी जाना जाता है, भारत में एक कानूनी प्रावधान है जो आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 144 के तहत मजिस्ट्रेट को विशेष क्षेत्रों में कुछ गतिविधियों को प्रतिबंधित करने का अधिकार देता है। मुख्य रूप से, यह पांच या अधिक व्यक्तियों के जमावड़े, सार्वजनिक सभाओं और हथियारों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उद्देश्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना, सार्वजनिक शांति भंग होने से रोकना और संभावित खतरों को रोकना है। 


धारा 144 के बारे में कुछ मुख्य बातें:


इसका उद्देश्य:

सार्वजनिक शांति बनाए रखना, दंगे या अशांति को रोकना, और संभावित खतरों को रोकना। 


कौन लागू करता है:

इसे आमतौर पर जिला मजिस्ट्रेट, उप-मंडल मजिस्ट्रेट, या पुलिस आयुक्त द्वारा लागू किया जाता है। 


क्या प्रतिबंधित है:

पांच या अधिक लोगों के जमावड़े पर प्रतिबंध। 

सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध। 

हथियारों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर प्रतिबंध। 

सड़कों और मार्गों को अवरुद्ध करने पर प्रतिबंध। 

लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध। 


क्या हो सकता है:

यदि कोई धारा 144 का उल्लंघन करता है, तो उसे दो साल तक की जेल या जुर्माना हो सकता है। 

इंटरनेट सेवाएं भी बंद की जा सकती हैं। 


कब लागू होती है:

जब कोई आपात स्थिति हो, जैसे दंगे या अशांति की आशंका हो। 

जब सार्वजनिक स्वास्थ्य या सुरक्षा के लिए खतरा हो। 

जब कानून और व्यवस्था बनाए रखने की आवश्यकता हो।

 

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है:

धारा 144 का उपयोग नागरिकों के शांतिपूर्ण तरीके से इकट्ठा होने के मौलिक अधिकार पर प्रतिबंध लगाने के लिए नहीं किया जा सकता है। 

इसका उपयोग केवल आपातकालीन स्थितियों में किया जाना चाहिए। 



Written By. Sachin vasava

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