1952 (Employees' Provident Funds and Miscellaneous Provisions Act, 1952)



 कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, 1952 (Employees' Provident Funds and Miscellaneous Provisions Act, 1952) भारत में कर्मचारियों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा योजना है। यह अधिनियम कर्मचारियों को भविष्य निधि, पेंशन और बीमा लाभ प्रदान करता है। कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ही भविष्य निधि में योगदान करते हैं। 

Part 1.


मुख्य बातें:

अधिनियम का उद्देश्य:

कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि, पेंशन और बीमा योजनाओं की स्थापना करना. 


भविष्य निधि (EPF):

कर्मचारी और नियोक्ता दोनों कर्मचारी के मूल वेतन का 12% योगदान करते हैं। 


पेंशन (EPS):

नियोक्ता के 12% योगदान में से 8.33% पेंशन फंड में जाता है। 


बीमा (EDLI):

कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना, जो कर्मचारियों को मृत्यु के मामले में बीमा लाभ प्रदान करती है। 


संगठन:

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) इस अधिनियम को लागू करता है और योजनाओं का प्रबंधन करता है। 


ऑनलाइन सेवाएं:

कर्मचारी EPFO पोर्टल पर ऑनलाइन अपने खाते का प्रबंधन कर सकते हैं, जैसे कि पासबुक देखना, पैसे निकालना आदि। 

यह अधिनियम निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है:


सेवानिवृत्ति बचत:

कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति के लिए बचत कर सकते हैं। 


वित्तीय सुरक्षा:

यह कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है, खासकर सेवानिवृत्ति के बाद। 


बीमा कवर:

कर्मचारी और उनके परिवार को मृत्यु के मामले में बीमा लाभ मिलता है। 

यह अधिनियम भारत में कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है, जो उन्हें भविष्य के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। 


Q1. प्रोविडेंट फंड से आप क्या समझते हैं?

Ans.पीएफ एक रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है जिसमें आप और आपका नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं। यह कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित है। पीएफ खाते पर ब्याज मिलता है और इसे खास परिस्थितियों में निकाला जा सकता है। जबकि ईपीएफ मुख्य रूप से वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए है, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) सभी के लिए खुला है।


Q2. प्राइवेट कंपनी में पीएफ के नियम क्या हैं?

Ans.अगर आप प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं, तो आपकी सैलरी का 12% हिस्सा आपके पीएफ खाते में जाता है। आपकी कंपनी भी उतना ही योगदान करती है, लेकिन इसमें से 8.33% हिस्सा पेंशन फंड में और बाकी 3.67% पीएफ में जमा होता है



पीएफ के नए नियम क्या हैं?



2025 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कई महत्वपूर्ण नियम बदले हैं। इनमें से कुछ प्रमुख बदलाव हैं: ऑटो-विड्रॉल की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़कर 5 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे जरूरत पड़ने पर एक बार में 5 लाख रुपये तक निकाले जा सकते हैं. इसके अलावा, UAN को आधार से लिंक करने पर नाम, जन्मतिथि, लिंग, राष्ट्रीयता, माता-पिता का नाम, वैवाहिक स्थिति और नौकरी शुरू करने की तारीख जैसी जानकारी को अपडेट करने के लिए कोई दस्तावेज अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी. 


Part 2

पीएफ (PF) निकासी के नए नियम:

ऑटो-विड्रॉल की सीमा:

EPFO ने ऑटो-विड्रॉल की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. 

बिना दस्तावेजों के प्रोफाइल अपडेट:

UAN को आधार से लिंक करने पर, नाम, जन्मतिथि, लिंग, राष्ट्रीयता, माता-पिता का नाम, वैवाहिक स्थिति और नौकरी शुरू करने की तारीख जैसी जानकारियां अपडेट करने के लिए कोई दस्तावेज अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी. 

पेंशन भुगतान प्रणाली:

EPFO ने 1 जनवरी 2025 से केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (CPPS) लागू की है, जिससे पेंशनभोगी देश भर में किसी भी बैंक से अपनी पेंशन प्राप्त कर सकते हैं, जिससे भौतिक सत्यापन की आवश्यकता समाप्त हो गई है. 

UPI और ATM से PF निकासी:

मई-जून 2025 से, EPFO सदस्य UPI और ATM के माध्यम से PF निकासी कर सकेंगे, जिसकी सीमा 1 लाख रुपये होगी. 

ओवरलैपिंग सर्विस पीरियड:

EPFO ने एक नया नियम लागू किया है जिसके अनुसार, दो अलग-अलग संगठनों में काम करने की तारीखों में ओवरलैप होने पर भी, यह निरंतर सेवा मानी जाएगी. 

पेंशन आवेदन अपलोड करने की समय सीमा:

EPFO ने नियोक्ताओं के लिए उच्च वेतन से संबंधित लंबित पेंशन आवेदन अपलोड करने की समय सीमा 31 जनवरी, 2025 तक बढ़ा दी है. 

अन्य महत्वपूर्ण बदलाव:

बैंक वेरिफिकेशन:

ऑनलाइन क्लेम फाइल करते समय कैंसिल चेक या पासबुक की फोटो अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी. 

एम्प्लॉयर अप्रूवल:

बैंक अकाउंट की डिटेल वेरीफाई कराने के लिए एम्प्लॉयर की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी. 

पीएफ बैलेंस चेक:

UPI के माध्यम से PF बैलेंस भी चेक किया जा सकता है. 

अंतरित PF:

सदस्य अब EPFO पोर्टल पर सीधे PF को स्थानांतरित कर सकते हैं.


Written By. Sachin vasava

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